लेखनी कहानी -01-Sep-2022 सूर घनाक्षरी विधान

हिन्दी दिवस प्रतियोगिता के लिए

सूर घनाक्षरी का विधान  
८ ८ ८ ६
१६, १४ पर यति

आधे वर्णों की गिनती, मत करिए विनती।
आठ आठ आठ छ: है, सूर घनाक्षरी।

प्रथम यति सोलह, द्वितीय चौदह पर।
अंत लघु गुरु मान, गढ़ शब्दाक्षरी।

कुल तीस वर्ण रख, अंत रही स्वच्छंदता।
लघु गुरु दोनों मान, सुंदर अक्षरी।

ध्यान रहे सुर ताल, पढ़ते ही हो आनंद।
श्रेष्ठ कर संयोजन, सूर घनाक्षरी।

अलका गुप्ता 'प्रियदर्शिनी' 
लखनऊ उत्तर प्रदेश।
स्व रचित मौलिक व अप्रकाशित
@सर्वाधिकार सुरक्षित।

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9 Comments

Swati chourasia

07-Sep-2022 02:22 PM

वाह बहुत ही बेहतरीन 👌👌

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Wahhh लाजवाब लाजवाब

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Seema Priyadarshini sahay

03-Sep-2022 03:16 PM

👌👌

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